नाकाम बजट सत्र और उपवास

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता देशभर में विभिन्न हिस्सों में जाकर उपवास के जरिए विपक्ष का विरोध करेंगे। गौरतलब है कि भाजपा के एमपी ने पहले ही संसद में काम नहीं होने की वजह से वेतन नहीं लेने का ऐलान किया है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा सांसदों, नेताओं और कार्यकर्ता आज बजट सत्र नहीं चलने देने के विरोध में देश भर में उपवास कर विरोध कर रहे हैं। लोकतन्त्र बचाओ उपवास एवं धरना गुरुवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे शुरू हो गया है। प्रधान मंत्री मोदी ने संसद में बजट सत्र के ख़राब होने के विरोध में कथित तौर पर कांग्रेस की वजह से उपवास करने की घोषणा की थी। उन्होंने सभी भाजपा सांसदों से भी अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में उपवास रखने की अपील की है। मोदी ने एक संदेश में कहा, “लोगों को जमा करिए और अपने क्षेत्रों में उपवास करिए। इसके जरिए लोकतंत्र के दुश्मनों को बेनकाब करिए।” पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता देशभर में विभिन्न हिस्सों में जाकर उपवास के जरिए विपक्ष का विरोध करेंगे। गौरतलब है कि भाजपा के एमपी ने पहले ही संसद में काम नहीं होने की वजह से वेतन नहीं लेने का ऐलान किया है.

ये पढ़ें: चंदा कोचर: रॉल मॉडल से सवालो के घेरे तक

-इस बजट सेशन में लोकसभा में कुल 23% और राज्यसभा में 28% कामकाज हुआ। इससे पहले 2000 में लोकसभा में प्रोडक्टिविटी 21% और राज्यसभा की 27% रही थी।

– इस बार, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग, कावेरी विवाद और नीरव मोदी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस, टीडीपी और एआईएडीएमके समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया।

 

दोनों सदनों में 59 बैठकें हुईं, 78.5 घंटे कामकाज हुआ

बर्बाद हुआ वक़्त: कुल 121 घंटे.

 ये पढ़ें: 1998-2008: काला हिरण शिकार /सलमान खान

सांसदोंनेताओं को सौंपा गया जिम्मा

– पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के मंत्री और वरिष्ठ नेताओं को देशभर में भेजने का शेड्यूल तैयार किया गया है। ये लोग उपवास के जरिए विपक्ष के प्रति विरोध जाहिर करेंगे।

 

शहर: अनशन में कौन रहेगा मौजूद

 

  1. हुबली:अमित शाह
  2. दिल्ली: राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, सुरेश प्रभु, सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी व मीनाक्षी लेखी
  3. वाराणसी: जेपी नड्डा
  4. पटना: रविशंकर प्रसाद
  5. चेन्नई: निर्मला सीतारमण, विजय गोयल
  6. बेंगलुरू: प्रकाश जावड़ेकर
  7. विदिशा: एमजे अकबर

8. तिरुअनंतपुरम: केजे अल्फोंस

  1. नोएडा: महेश शर्मा
  2. अजमेर: भूपेंद्र यादव
  3. बेंगलुरु: प्रकाश जावडेकर
  4. मोतिहारी: राधामोहन सिंह
  5. इंदौर: थावरचंद गहलोत
  6. नवादा: गिरिराज सिंह
  7. जींद: चौधरी वीरेंद्र सिंह

 

कांग्रेस ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित भूख हड़ताल को संसद की गैर-कार्यप्रणाली के नाम पर महज एक “फोटो-ऍपोर्चुनिटी” करार दिया है. वहीँ कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधान मंत्री के नेतृत्व में बीजेपी के सांसदों द्वारा प्रस्तावित उपवास एक “नाटक” है, और ये भी कहा कि प्रधान मंत्री का  सन्यास (सेवानिवृत्ति) लेने का समय आ गया है।

3 thoughts on “नाकाम बजट सत्र और उपवास

  1. Its like you read my mind! You seem to know a lot about this, like you wrote the book in it or something. I think that you could do with some pics to drive the message home a little bit, but instead of that, this is great blog. An excellent read. I will certainly be back.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *